Sunday 22 March, 2009

समय का पहिया


बड़े-बुजुर्ग कहा करते थे

घूमता रहता है- समय का पहिया।

वह चलता रहता है- अनवरत

वक्त के लिए जरूरी है उसका घूमना।

समय से भी तेज होती है शायद

कई बार हमारे घूमने की गति।

पर...

वक्त को कहां फर्क पड़ता है इन बातों से।

वक्त चलता रहता है

हम भी चलते रहते हैं।

कई बार हमें भ्रम हो जाता है

वक्त से आगे निकल जाने का।

फिर देखते हैं रूककर

वक्त खामोशी से निकल गया बिल्कुल पास से।

हम खड़े रह गए किसी किनारे में।

पर...

वक्त को कहां फर्क पड़ता है इन बातों से।

1 comment:

संगीता पुरी said...

कई बार हमें भ्रम हो जाता है


वक्त से आगे निकल जाने का।


फिर देखते हैं रूककर


वक्त खामोशी से निकल गया बिल्कुल पास से।


हम खड़े रह गए किसी किनारे में।


पर...


वक्त को कहां फर्क पड़ता है इन बातों से।

सुंदर प्रस्‍तुति ...