Thursday, 15 January 2009
चूक
उसने शब्दों को िजया, पढ़ी खूब िकताबें,
बस िजंदगी को जीने में चूक कर गया।
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तेरह सालों से खबरों की दुनिया में हूं। अपने वजूद की तलाश जारी है। अनवरत...
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