Monday, 19 January 2009
फैसला
न्यायाधीश भी मैं हूं,
फैसला भी मुझे देना है।
चाहकर भी नहीं कह पाता,
बाइज्जत बरी िकया जाता है।
1 comment:
के सी
said...
achch hai
20 January 2009 at 11:42 am
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तेरह सालों से खबरों की दुनिया में हूं। अपने वजूद की तलाश जारी है। अनवरत...
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1 comment:
achch hai
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